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Education Hub Indore: बीते दो दशक की कठोर मेहनत से इंदौर ने बनाया देश की एजुकेशन इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम

Education Hub Indore: बीते दो दशक की कठोर मेहनत से इंदौर ने बनाया देश की एजुकेशन इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम

Education Hub Indore: गजेन्द्र विश्वकर्मा, इंदौर। एक दौर था जब भारत के नालंदा, तक्षशिला, काशी और उज्जयिनी जैसे शिक्षा के गढ़ रहे नगरों की धाक पूरे विश्व में थी। वर्तमान दौर में जैसे हर साफ्टवेयर इंजीनियर अमेरिका की सिलिकान वैली जाना चाहता है, प्राचीन दौर में उसी तरह दुनियाभर के स्कालर्स पढ़ने के लिए भारत के इन प्राचीन नगरों में जाते थे। एक बार फिर समय बदला है और हमारे देश के शहर फिर से एजुकेशन हब बन रहे हैं। अपना इंदौर भी अब ऐसे शहरों में शामिल है, जहां की शिक्षा इतनी उन्नत हो चली है कि देशभर के साथ विदेश से भी विद्यार्थी यहां पढ़ने आते हैं। कुछ अर्थों में अपना इंदौर अब नए दौर का नालंदा बनकर उभरा है। कैसे आइए तर्कों और तथ्यों के माध्यम से जानते हैं…

नए दौर का ‘तक्षशिला’ है अपना इंदौर

इंदौर वह शहर है, जिसके पांव इतिहास की ठोस जमीन पर जमे हुए हैं और जो समय के साथ कदमताल करते हुए तेजी से आगे भी बढ़ रहा है। तमाम क्षेत्रों में तेज तरक्की करने के साथ इंदौर ने बीते करीब दो दशक में शिक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व तरक्की की है। जैसे बरसों तक कोचिंग के मामले में राजस्थान के कोटा का दबदबा रहा, उसी तरह अब नई तरह के कोर्स और पढ़ाई में इंदौर का नाम तेजी से उभरा है। मध्य प्रदेश के लिए तो खैर इंदौर आर्थिक राजधानी के साथ-साथ शिक्षाधानी या एजुकेशन हब भी बन गया है।

इंदौर में नेक से ए-प्लस ग्रेड प्राप्त देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अलावा सिम्बायसिस, वैष्णव सहित 13 दिग्गज विश्वविद्यालय स्थापित हैं। यहां आइआइटी व आइआइएम जैसे दिग्गज संस्थान हैं। साथ ही शहर में स्पेस साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस जैसे आधुनिक कोर्सेस भी पढ़ाए जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का गढ़ तो इंदौर बन ही चुका है।

– भारत के सबसे तेजी से बढ़ते एजुकेशन हब में अपना इंदौर भी शामिल

देवी अहिल्या का ऐतिहासिक शहर। समय के साथ कदमताल कर तेजी से आगे बढ़ता शहर। यह सिर्फ प्रदेश की स्वच्छता व आर्थिक राजधानी नहीं है, बल्कि अब यह शिक्षाधानी या एजुकेशन हब के रूप में पहचान बना रहा है। इंदौर के समीप उज्जयनि में महर्षि सांदीपनि के गुरूकुल से बही ज्ञानगंगा ने संभवत: इंदौर को भी भिगोया। यही कारण है कि नेक से ए प्लस ग्रेड प्राप्त देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अलावा यहां सिम्बायसिस, वैष्णव सहित 10 विश्वविद्यालय स्थापित हैं।

इंदौर इकलौता ऐसा शहर है जहां आइआइटी और आइआइएम दोनों मौजूद हैं। शहर में सभी नए कोर्सेस संस्थानों में मौजूद है। इसमें स्पेस साइंस, इलेक्टि्क व्हीकल, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस और कई आधुनिक कोर्सेस में आइआइटी और अन्य संस्थान डिग्री करा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का गढ़ भी इंदौर बनता जा रहा है। बड़े कोचिंग सेंटर भी इंदौर में अपनी शाखाएं शुरू कर चुके हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबंधित कालेजों में 1.5 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों की संख्या एक लाख के पार पहुंच चुकी है।

इसलिए है एजुकेशन हब

इंदौर इसलिए भी एजुकेशन हब बन रहा है क्योंकि यहां आवागमन, फूड और आवास सुविधाएं बेहतर हैं। महानगरों की तुलना में यह शहर अधिक महंगा नहीं है। रहने और खाने के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। पांच हजार रुपये महीने से लेकर 15 हजार रुपये तक में रहने और खाने की सुविधा शहर में मौजूद है।सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर है। यही वजह है कि अन्य राज्यों से विद्यार्थी यहां रहकर जेईई, नीट, यूपीएससी, एमपीपीएससी, बैंक, रेलवे, प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड से संबंधित प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां आ रहे हैं।

मेट्रो सिटी की तरह इंदौर में मौजूद हो गई आधुनिक सुविधाएं

आइआइटी और आइआइएम इंदौर मिलकर डेटा साइंस में यूनिक डिग्री कोर्स संचालित कर रहे हैं। आइआइटी इंदौर इसी सत्र से अंतरिक्ष विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में भी बीटेक कोर्स शुरू करने जा रहा है।इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलाजी में भी संस्थान एमटेक करा रहा है। शहर के प्राइवेट विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग जैसे विषयों में भी इंजीनियरिंग डिग्री कराई जा रही है। इंडस्ट्रीयल ट्रैनिंग इंस्टीट्यूट (आइटीआइ) में पांच नए कोर्स संचालित होंगे। इसमें ड्रोन टेक्नीशियन, फैशन डिजाइनिंग, मेडिकल इलेक्ट्रोनिक्स, टैक्टर टैक्नीशियन और आपरेटर एडवांस शामिल है। आइटीआइ में 27 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में जेईई की स्थिति शहर की बेहतर है। यहां से हर साल टापर निकल रहे हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की भी शाखा मौजूद है। इंदौर सीए की रैंक देश में नंबर एक है।

शहर में है यह प्रमुख प्राइवेट विश्वविद्यालय

श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, सिम्बायोसिस, नरसी मुंजी, सेज विश्वविद्यालय, मेडिकेप्स, रेनेसां, प्रेस्टीज विश्वविद्यालय, श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय, मालवांचल, ओरिएंटल, एलएनसीटी, डा. एपीजे अब्दूल कलाम।

इतने कालेज और कितने कोर्स

– शहर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबंधित 200 से ज्यादा कालेज है।

– इनमें 1.5 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।

– देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 60 से ज्यादा कोर्सेस की शिक्षा दी जा रही है।

– 11 निजी विश्वविद्यालय है।

– शहर में करीब 150 प्राइवेट सीबीएसई स्कूल है।

– इंदौर जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या 1400 है।

इतने विद्यार्थी तैयारी कर रहे हैं

– जेईई 40 हजार।

– नीट 20 हजार।

– पीएससी और यूपीएससी 10 हजार।

– बैंक, रेलवे, पीईबी और अन्य परीक्षाओं में 50 हजार।

– सीए और सीएस 10 हजार।

– फारेन एजुकेशन 5 हजार।

इंदौर के तीन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा संस्थान और विद्यार्थी

पहले तक भंवरकुआ क्षेत्र में सबसे ज्यादा विद्यार्थी रहते थे, लेकिन अब गीताभवन और विजय नगर क्षेत्र शिक्षण संस्थानों और विद्यार्थियों के लिए स्पाॅट बन चुका है। इन क्षेत्रों से आने-जाने के लिए आइबस, सिटी बस और परिवहन के अन्य साधन आसानी से मिल जाते हैं। गीता भवन क्षेत्र में पांच से ज्यादा बड़े कोचिंग संस्थान मौजूद है। शहर में करीब 1500 होस्टल है। इसमें से सबसे ज्यादा भंवरकुआ क्षेत्र में करीब 300 होस्टल है। इसके अलावा विजय नगर और अन्य क्षेत्रों में भी हजारों विद्यार्थी रह रहे हैं।

उच्च शिक्षा प्राप्त करने के एक केंद्र के रूप में उभरा

इंदौर वास्तव में पिछले एक दशक में देशभर के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का एक केंद्र के रूप में उभरा है। भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार इंदौर में साक्षरता दर 80.32 फीसदी थी, जो राष्ट्रीय औसत 74.04 फीसदी से अधिक है। स्कूलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। शहर में आइआइटी और आइआइएम जैसे दोनों उच्च संस्थान है। आरआरकेट भी समाज को लाभ पहुंचाने वाले कई ऐसे शोध कार्य कर रहा है जिससे शहर को ऊंचाईयां मिल रही है। यह संस्थान न केवल अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। आइआइएम इंदौर में 1800 विद्यार्थी विभिन्न पाठ्यक्रमों से विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर उत्कृष्ट प्रबंधक बन रहे हैं। हमने 18 देशों के 42 विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से भी विद्यार्थी एक्सचेंज के लिए समझौते किए हुए हैं। इसके अतिरिक्त हम विभिन्न एक्जीक्यूटिव एजुकेशन कार्यक्रम भी संचालित करते हैं। इनमें यूएई और मिडिल ईस्ट के एक्जीक्यूटिव भी शामिल होते हैं। हमारे पूर्व विद्यार्थियों की संख्या दस हजार हो चुकी है और 600 से अधिक पूर्व विद्यार्थी यूएई और मिडिल ईस्ट के हैं। हाल ही में स्थापित हुए सेंटर आफ एक्सीलेंस के जरिए अब हम ऐसे युवा उद्यमियों का मार्गदर्शन करेंगे जो स्वच्छता और सफाई के क्षेत्र में अपने स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं।

– प्रो. हिमांशु राय, निदेशक, आइआइएम इंदौर

शहर में एजुकेशन हब के लिहाज से सब सुविधाएं मौजूद है। अच्छे कालेज, स्कूल, कोचिंग संस्थान, रहने के लिए आधुनिक होस्टल और परिवहन के साधन। रहने के लिए लिहाज से इंदौर अच्छा शहर होने से सुरक्षा की भी चिंता नहीं है। प्रतिभावान विद्यार्थी होने से देखने में मिलता है कि जेईई जैसी कठिन परीक्षा में शहर के विद्यार्थी हर वर्ष देश में बेहतर रैंक बनाने में सफल हो रहे हैं। आइआइटी इंदौर भविष्य की जरूरतों को समझते हुए नए कोर्सेस ला रहा है। इसमें कुछ बीटेक तो कई एमटेक कोर्सेस है। इसका ज्यादा लाभ इंदौर के विद्यार्थियों को मिल रहा है। शिक्षा के बेहतर संस्थान होने से बाहर के राज्यों से शहर में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ौतरी हो रही है।

– कमांडर सुनिल कुमार, सूचना अधिकारी, आइआइटी इंदौर

शहर की खास बात है कि यहां सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अच्छे संस्थान मौजूद है। शहर की सोच आगे की रही है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो कंप्यूटर साइंस में सुपर स्पेशलाइजेशन के कोर्स शहर में पहले ही शुरू हो गए थे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा माइनिंग, डेटा साइंस, सायबर फारेंसिंक जैसे कोर्स पहले ही शुरू हो चुके हैं। अब सायबर साइकोलाजी जैसे कोर्स भी हम पहली बार शहर में शुरू करने जा रहे हैं।

– डा. उपेंद्र धर, कुलपति, श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय

पहले इंदौर की बात करते थे तो कहते थे कि इंदौर और इंदौर संभाग के विद्यार्थी ही तैयारी के लिए आते थे। विद्यार्थी कोटा जाते थे। अब यह स्थिति है कि कोटा ही नहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से भी विद्यार्थी शहर में आ रहे हैं। यहां विद्यार्थियों को सुरक्षित माहौल मिलने से विद्यार्थी शहर में आ रहे हैं।शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित इंडस्ट्रीज 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की हो गई है। शिक्षण संस्थानों से हजारों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।

– विजित जैन, निदेशक, कल्पवृक्ष इंस्टीट्यूट

शहर में आइआइटी, आइआइएम के साथ ही देवी अहिल्या विश्वविद्यालय जैसा विश्वविद्यालय है। मेडिकल की बात करें तो मेडिकल में एमजीएम मेडिकल कालेज प्रदेश का सबसे अच्छा संस्थान कहा जाता है। इंदौर में हर तरह का राष्ट्रीय ब्रांड कोचिंग संस्थान मौजूद है। जेईई, नीट, क्लेट, सीपीटी, कैट सभी तरह के संस्थान मौजूद है। शहर सबसे अच्छा एजुकेशन हब होने के साथ ही इंदौर राष्ट्रीय स्तर पर टापर दे रहा है। विद्यार्थियों के होने से होस्टलों का व्यवसाय भी बढ़ रहा है।

– डा. अंकित केलोत्रा, डिप्टी डायरेक्टर, आकाश बायजूस

Posted By: Sameer Deshpande

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