Dewas News: भाकिसं ने जलाया उप संचालक कृषि का पुतला, तहसील कार्यालय में आवेदन सौंपा
किसान सिंचाई की उपलब्धता के अनुसार गेहूं की बुवाई करते हैं, अच्छा उत्पादन लेते हैं। जिस क्षेत्र में पानी कम होता है वहां किसान अक्टूबर माह के अंत में, जहां पानी पर्याप्त रहता है वहां नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में बुवाई करते हैं।
By Paras Pandey
Publish Date:
Wed, 08 May 2024 07: 48: 16 PM (IST)
Updated Date:
Wed, 08 May 2024 07: 48: 16 PM (IST)
HighLights
- गेहूं के कम उत्पादन के लिए किसानों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराने संबंधी बयान देने का लगाया आरोप
- तहसील कार्यालय में आवेदन सौंपा
नईदुनिया न्यूज, हाटपीपल्या। भारतीय किसान संघ द्वारा देवगढ़ चौराहे पर कृषि उपसंचालक आरपी कनेरिया का पुतला दहन कर नारेबाजी करते हुए तहसील परिसर में जाकर मुख्यमंत्री व कलेक्टर के नाम तहसील रीडर सुनीता सेंधव को आवेदन सौंपा गया।
वाचन करते हुए तहसील मंत्री प्रेम कारपेंटर ने कहा रबी की फसल में प्राकृतिक प्रकोप से गेहूं सहित सभी फसलों का उत्पादन कम हुआ है जिससे किसानों बहुत नुकसान हुआ है। वहीं उपसंचालक के लापरवाही पूर्ण बयान से ऐसा लगता है कि वह किसानों को राहत राशि एवं बीमा राशि से वंचित रखना चाहते हैं एवं अपनी गलतियों को छुपाना चाहते हैं।
किसान सिंचाई की उपलब्धता के अनुसार गेहूं की बुवाई करते हैं, अच्छा उत्पादन लेते हैं। जिस क्षेत्र में पानी कम होता है वहां किसान अक्टूबर माह के अंत में, जहां पानी पर्याप्त रहता है वहां नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में बुवाई करते हैं।
गेहूं उत्पादन की कमी का सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक प्रकोप रहा एवं बाक़ी रही सही कसर कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों एवं बिजली कंपनी के उच्च अधिकारियों द्वारा पूरी कर दी गई। बाजार में नकली खाद, बीज एवं दवाई की उपलब्धता बहुत अधिक मात्रा में है, इस पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा। विविकं ने जले हुए ट्रांसफार्मर को एक-एक माह तक नहीं बदले, जरूरत के समय पर्याप्त बिजली नहीं मिली जिससे सिंचाई प्रभावित हुई।
दिसंबर माह तक किसानों को यूरिया खाद की आपूर्ति नहीं की जा सकी और फसल उत्पादन में कमी का सारा दोष किसानों पर मढ़ दिया एवं इस प्रकार से किसानों को निरोत्साहित करते हुए उन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा है। फसल उत्पादन मे हुई हानि के चलते राहत राशि एवं बीमा राशि तुरन्त दी जाये। इस अवसर पर तहसील अध्यक्ष माखन नाहर, जिला कोषाध्यक्ष नारायण मंडलोई, उपाध्यक्ष गोकुल चौहान, उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, महेश, ओम, सुरेश, राजपाल सिंह, अनिल शर्मा आदि मौजूद थे।
किसानों द्वारा मेरा पुतला जलाए जाने के संबंध में जानकारी नहीं है। वैसे मैंने कम उत्पादन के लिए किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया था, मैंने एक बयान में कहा था कि अक्टूबर माह में जिन क्षेत्रों में बोवनी हुई थी वहां उस समय गर्मी अधिक होने के कारण व जनवरी माह में कोहरा, धुंध छाए रहने से उत्पादन पर असर पड़ा है। -आरपी कनेरिया, उपसंचालक कृषि देवास।