Harda Blast Case: एनजीटी के चैयरमैन से मांग- प्रिंसिपल बेंच करे हरदा ब्लास्ट केस में हस्तक्षेप
Harda Blast Case: पर्यावरण राहत कोष में जमा 800 करोड़ से पीड़ितों की सहायता की जाए।
By Prashant Pandey
Publish Date:
Mon, 19 Feb 2024 08: 47 PM (IST)
Updated Date:
Mon, 19 Feb 2024 08: 52 PM (IST)
HighLights
- पत्र में कहा गया है कि हरदा मामला बेहद गंभीर है।
- राज्यों को दंडित करने संबंधी प्रविधान का पालन सुनिश्चित किया जाए।
- सार्वजनिक उत्तरदायित्व बीमा कानून के तहत यह कदम उठाया जाना चाहिए।
Harda Blast Case: नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की नई दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच हरदा पटाखा फैक्ट्री हादसा मामले में हस्तक्षेप करे। यह मांग एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव से की गई है। इस सिलसिले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डा.पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव ने पत्र भेजा है। इस पत्र को ओरिजनल एप्लीकेशन मानकर संज्ञान लेने पर बल दिया गया है।
पत्र में कहा गया है कि हरदा मामला बेहद गंभीर है। लिहाजा, राज्यों को दंडित करने संबंधी प्रविधान का पालन सुनिश्चित किया जाए। पर्यावरण राहत कोष में जमा 800 करोड़ से पीड़ितों की सहायता की जाए। सार्वजनिक उत्तरदायित्व बीमा कानून के तहत यह कदम उठाया जाना चाहिए।
खतरनाक पदार्थों के कारण होने वाले हादसों के संबंध में यह राशि महत्वपूर्ण है। पत्र में विगत एक पखवाड़े के दौरान मध्य प्रदेश व तमिलनाडु में हुए पटाखा विस्फोटों का हवाला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के पूर्व दिशा-निर्देशों का पालन न किए जाने के कारण इन हादसों में जान-माल का भारी नुकसान होने की तथ्य रेखांकित किया गया है। इसलिए भी एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच को हस्तक्षेप करना चाहिए।
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नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से मास्टर्स डिग्री। इंदौर में 2014 …