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Rail in Khargone Barwani: रेल के लिए खरगोन-बड़वानी सांसद ने लोकसभा में सरकार से मांगा जवाब

Rail in Khargone Barwani: सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने जनजातीय क्षेत्रों में रेल सर्वे रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित किया।

Publish Date:

Tue, 05 Dec 2023 02: 37 PM (IST)

Updated Date:

Tue, 05 Dec 2023 02: 47 PM (IST)

Rail in Khargone Barwani: रेल के लिए खरगोन-बड़वानी सांसद ने लोकसभा में सरकार से मांगा जवाब

HighLights

  1. खरगोन बड़वानी के लोग 50 साल से ज्यादा समय से रेल की मांग कर रहे हैं।
  2. सांसद लगातार संसद में रेल के लिए आवाज उठा रहे हैं।
  3. व्यापार व कारोबार बढ़ेगा, क्योंकि रेलवे लाइन से यहां उद्योग स्थापित होंगे।

Rail in Khargone Barwani: नईदुनिया प्रतिनिधि, खरगोन। खरगोन-बड़वानी सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने निमाड़ सहित जनजातीय क्षेत्र के लिए लोकसभा में एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्र खरगोन-बड़वानी में किए गए रेल सर्वे की रिपोर्ट और उसके जल्द से जल्द निष्कर्ष पर ध्यान केंद्रित किया है।

सांसद ने नियम 377 के अंतर्गत इस परियोजना की प्रगति और अंतिम रिपोर्ट की स्थिति पर सरकार से जवाब मांगा है। उनका मानना है कि इस रेल परियोजना का शीघ्र क्रियान्वयन हमारे क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देगा।

पटेल ने इस परियोजना के महत्व और इसके क्षेत्रीय विकास पर विशेष जोर दिया है, खासकर जनजातीय समुदायों के लिए जो इससे सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। सांसद ने कहा कि खरगोन व बड़वानी के लिए रेल एक सपने की तरह है, जो यहां के लोग कई सालों से देखते आ रहे हैं, लेकिन पूरा नहीं हो रहा है।

उन्होंने संसद में सरकार से जवाब मांगा सर्वे रिपोर्ट में क्या हुआ है। सांसद लगातार संसद में रेल के लिए आवाज उठा रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रेल मंत्री से भी मिले थे। उन्हें विशेष तौर पर रेल की स्वीकृति की मांग की थी।

विशेषज्ञों की माने तो रेलवे लाइन की स्वीकृति होने से निमाड़ समृद्ध होगा, साथ ही यहां के लोग आसानी से कहीं भी आना-जाना करेंगे। व्यापार व कारोबार बढ़ेगा, क्योंकि रेलवे लाइन से यहां उद्योग स्थापित होंगे।

50 साल से रेल की मांग

खरगोनबड़वानी के लोग 50 साल से ज्यादा समय से रेल की मांग कर रहे हैं। कई साल पहले कुछ नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए रेल की पटरियों तक को खेतों में डलवा दिया था, जिससे लोगों को लगा कि रेल शुरू हो जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बाद 20 साल से लगातार रेल की मांग की जा रही है। कई जनप्रतिनिधि बने नेताओं ने चुनावों में रेल की सौगात दिलाने का वादा किया है, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हो पाया है।