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Gwalior News: शस्त्र जमा न करने के अजब बहाने ढूंढ रहे लोग, कोई दे रहा वचन तो कोई बता रहा नेताजी की सुरक्षा जरूरी

पुलिस के अभिमत के बाद ही प्रशासन आगामी निर्णय लेगा। ग्वालियर जिले में लाइसेंसी हथियारों की संख्या 32 हजार पार है। यह रिकॉर्ड में हैं, इसके अलावा पांच से छह हजार हथियार और हैं।

By Paras Pandey

Publish Date:

Fri, 22 Mar 2024 11: 55 PM (IST)

Updated Date:

Fri, 22 Mar 2024 11: 55 PM (IST)

Gwalior News: शस्त्र जमा न करने के अजब बहाने ढूंढ रहे लोग, कोई दे रहा वचन तो कोई बता रहा नेताजी की सुरक्षा जरूरी

आचार संहिता में शस्त्र जमा करना है

HighLights

  1. लोकसभा चुनाव में शस्त्र जमा करने से छूट पाने के लिए आ रहे ढेरों आवेदन
  2. अभी तक 350 से ज्यादा आवेदन पहुंचे, गार्ड की नौकरी करने वालों के सबसे ज्यादा

ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ग्वालियर-चंबल अंचल में हथियार से प्यार और शौक की बता न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। आचार संहिता में शस्त्र जमा करने से छूट पाने के लिए हर जुगत करने को तैयार हैं। यही कारण है कि सबसे ज्यादा आवेदन शस्त्र से छूट के ही कलेक्ट्रेट में पहुंच रहे हैं, इनकी संख्या 350 पार हो चुकी है, जिनके लिए पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय को लिखे जा रहे हैं। लाइसेंसी हथियार धारक छूट पाने के लिए एक से बढ़कर एक बहाने बता रहे हैं।

जिसमें कोई शस्त्र का प्रदर्शन न करने का वचन दे रहा है तो कोई नेताजी की सुरक्षा में खुद को बता रहा है। छूट पाने की चाहत वालों में कारोबारी, डॉक्टर्स, कंपनियों से लेकर आम व्यक्ति भी हैं जो बिना ठोस कारण के शस्त्र को जमा नहीं करना चाहते हैं।

पुलिस के अभिमत के बाद ही प्रशासन आगामी निर्णय लेगा। ग्वालियर जिले में लाइसेंसी हथियारों की संख्या 32 हजार पार है। यह रिकॉर्ड में हैं, इसके अलावा पांच से छह हजार हथियार और हैं।

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यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या होने के कारण छूट के आवेदन भी हर चुनाव में बड़ी संख्या में आते हैं। रोज लगातार आवेदन आ रहे हैं जिनकी सूची बनाकर अभिमत के लिए भेजी जा रही है।

इस बार आयोग को जिले से भेजी गई जानकारी में लाइसेंसी शस्त्रों की संख्या 32266 भेजी गई है। आवेदन पूरे आते ही पुलिस के अभिमत अनुसार प्रशासन की ओर से सूची जारी की जाती है जो संबंधित थानों को भी भेजी जाती है, इसमें शस्त्र जमा से छूट दिए जाने वालों के नाम शामिल रहते हैं।

निजी सुरक्षा गार्डों के सबसे ज्यादा आवेदन

हर चुनाव में निजी सुरक्षा गार्डों के सबसे ज्यादा आवेदन आते हैं। आवेदनों में रोजी रोटी का हवाला देकर शस्त्र जमा न करने की अनुमति मांगी गई है। यहां बता दें कि ग्वालियर चंबल में लाइसेंसी राइफल लेकर लोग सुरक्षा गार्ड की नौकरी भी बड़ी संख्या में करते हैं, यही कारण है कि इनके आवेदन ज्यादा भी आते हैं।

अधिकतर लोग बता रहे खतरा, लिख रहे छूट दी जाए

कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले आवेदनों में डॉक्टर्स, हास्पिटल ग्रुप, चैंबर ऑफ कॉमर्स, राजनीतिक दल सहित विभिन्न वर्ग के लोग शामिल हैं। अधिवक्ता व मीडिया के भी काफी आवेदन हैं, इसके बाद विभिन्न केसों में गवाह बनने वाले आवेदक भी हमला होने की आशंका के चलते शस्त्र जमा करने से छूट मांग रहे हैं। बिल्डर्स और कंस्ट्रक्शन कंपनियों में लगे मैनेजर व सुपरवाईजरों की ओर से भी आवेदन है जो अपने रूटीन काम काम का हवाला देकर खतरा बता रहे हैं।

जिले में शस्त्र लायसेंसों को निलंबित कर दिया गया है। आवश्यक स्थिति में शस्त्र जमा न करने से छूट संबंधी आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अभिमत लिया जा रहा है, इसके आधार पर ही निर्णय लिया जाता है। -टीएन सिंह, एडीएम, ग्वालियर