Rahul Gandhi in Shahdol: राहुल गांधी बोले- आदिवासी ही चलाएंगे अपने गांवों की सरकार, लागू करेंगे छठी अनुसूची
राहुल गांधी ने कहा- आदिवासी और वनवासी का फर्क बताते हुए उन्होंने कहा कि एक विचारधारा है, जो आदिवासी का अस्तित्व मिटाना चाहती है।
By Prashant Pandey
Publish Date:
Mon, 08 Apr 2024 05: 07 PM (IST)
Updated Date:
Tue, 09 Apr 2024 12: 30 AM (IST)
HighLights
- मप्र में लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान की सिवनी में राहुल ने की शुरुआत।
- आदिवासियों को रिझाने के साथ युवाओं और महिलाओं के लिए भी खोला वादों का पिटारा।
- गरीब परिवारों को एक लाख रुपये हर साल देने का वादा।
Rahul Gandhi in Shahdol: धनंजय प्रताप सिंह, सिवनी, शहडोल। सोमवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंडला लोकसभा सीट अंतर्गत सिवनी जिले के धनौरा व शहडोल लोकसभा क्षेत्र में जनसभाएं कीं। सभाओं में राहुल गांधी ने उन्हीं वादों का दोहराया, जो वह पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में कह चुके हैं। 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी होने पर छठी अनुसूची लागू करने का भी उन्होंने वादा किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी ही अपने गांवों की सरकार चलाएंगे।
आदिवासी और वनवासी का फर्क बताते हुए उन्होंने कहा कि एक विचारधारा है, जो आदिवासी का अस्तित्व मिटाना चाहती है। उद्योग जगत, मीडिया सहित बड़े सेक्टर में आदिवासी नहीं है। केंद्र सरकार के शीर्ष 90 अफसरों में एक आदिवासी अफसर है, जो खर्च की जाने वाली राशि में 10 प्रतिशत का ही निर्णय कर पाते हैं। आठ प्रतिशत आदिवासी वर्ग के साथ यह अन्याय है।
नोटबंदी और जीएसटी पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि रोजगार का संकट युवा झेल रहे हैं, जबकि भाजपा सरकार 30 लाख सरकारी नौकरियां नहीं दे रही है, जो कांग्रेस देने का वादा कर रही है। सिवनी में राहुल गांधी ने कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम के पक्ष में सभा की। यहां भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से मरकाम का मुकाबला है। राहुल ने शहडोल में कांग्रेस प्रत्याशी फूंदेलाल मार्को के पक्ष में सभा की, जिनका मुकाबला भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह के साथ है।
यह लड़ाई दो विचारधाराओं की
राहुल ने अपने पूर्व के भाषणों की बातें दोहराते हुए कहा कि यह लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लडाई का है। एक तरफ दो-तीन उद्योगपतियों का हित है तो दूसरी तरफ समग्र समाज की चिंता है। राहुल ने आदिवासी व पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व की बात दोहराई। मप्र में विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर कांग्रेस की स्थिति अन्य सीटों की तुलना में अच्छी रही थी। एसटी के लिए आरक्षित 47 सीटों में कांग्रेस 22 सीटों पर जीती थी। यही वजह है कि राहुल के कार्यक्रम को आदिवासी बहुल क्षेत्र में रखा गया।
यह है छठी अनुसूची
छठी अनुसूची आदिवासी समुदाय को विशेष अधिकार देती है। इसे लागू करने का अधिकार केंद्र के पास है। देश में पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में छठी अनुसूची लागू है। इसके लागू होने का मतलब है कि जनजातीय समुदायों को महत्वपूर्ण नियंत्रण दिया जाना। जिसमें कानून बनाने और सामाजिक और ढांचागत विकास के संबंध में वह खुद निर्णय ले सकेंगे। इन्हें केंद्र सरकार से धन प्राप्त करने की स्वायत्तता भी रहेगी। पांचवीं अनुसूची के विपरीत, स्थानीय सरकार और राज्यपाल के पास सीमित नियंत्रण रहेगा।