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Dhar Bhojshala ASI Survey: भोजशाला में नए स्थान पर खोदाई शुरू, परिसर में तलघर और सीढ़ियां मिलीं

Dhar Bhojshala ASI Survey:  भोजशाला में नए स्थान पर खोदाई शुरू, परिसर में तलघर और सीढ़ियां मिलीं

क्षेत्र में मौजूद प्राचीन मंदिर व उसके आसपास की प्रतिमाओं और अन्य संरचनाओं की बारीकी से जांच की जा रही है।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date:

Mon, 01 Apr 2024 07: 51 AM (IST)

Updated Date:

Mon, 01 Apr 2024 11: 02 PM (IST)

Dhar Bhojshala ASI Survey:  भोजशाला में नए स्थान पर खोदाई शुरू, परिसर में तलघर और सीढ़ियां मिलीं

HighLights

  1. 22 मार्च को धार की भोजशाला का सर्वे कार्य शुरू हुआ था।
  2. धार की ऐतिहासिक भोजशाला में 11 वें दिन का सर्वे हुआ।
  3. टीम को यहां भी कई धरोहर मिलने की संभावना है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, धार। ऐतिहासिक भोजशाला में सोमवार को 11वें दिन भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का सर्वे जारी रहा। उधर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे रोकने की याचिका पर इनकार कर दिया है। टीम ने बाहरी परिसर के लकड़ीपीठा क्षेत्र में संरचना की संभावना के मद्देनजर खोदाई शुरू की। उधर, भोजशाला के गर्भगृह के पिछले भाग में चल रही खोदाई के दौरान तलघर और सीढीनुमा संरचना मिली है।

बता दें कि अब भोजशाला में पांच स्थानों पर खोदाई हो रही है। टीम ने 50 मीटर के दायरे में आने वाले गाछावाड़ी क्षेत्र में भी सर्वे शुरू किया है। इस क्षेत्र में मौजूद प्राचीन मंदिर व उसके आसपास की प्रतिमाओं और अन्य संरचनाओं की बारीकी से जांच की जा रही है। टीम को यहां भी कई धरोहर मिलने की संभावना है।

VIDEO | Here’s what advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side, said on the Supreme Court allows the ongoing ASI survey Of Bhojshala-Kamal Maula Mosque Complex.

“After hearing both the sides, the Supreme COurt issued notice in the matter and it has directed the… pic.twitter.com/fuKBBwCnrh

— Press Trust of India (@PTI_News) April 1, 2024

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हनुमान चालीसा का पाठ

मंगलवार को हिंदू समाज के लोग भोजशाला पहुंचकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसे देखते हुए भोजशाला परिसर और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिन स्थानों पर खोदाई और सर्वे कार्य चल रहा है वहां श्रद्धालु नहीं पहुंचें, इसलिए उन्हें पर्दे और बैरिकेड्स लगाकर ढंका जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 22 मार्च से उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के आदेश से भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है।

भोजशाला का इतिहास

परमार वंश के राजा भोज ने 1034 में धार में सरस्वती सदन की स्थापना की थी। यह एक महाविद्यालय था, जो बाद में भोजशाला के नाम से विख्यात हुआ। राजा भोज के शासनकाल में ही यहां मां सरस्वती (वाग्देवी) की प्रतिमा स्थापित की गई थी। यह प्रतिमा भोजशाला के समीप ही खोदाई में मिली थी। वर्ष 1880 में अंग्रेज अधिकारी इस प्रतिमा को लंदन ले गए। भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और संस्कृत व अन्य प्राचीन भाषा में श्लोक लिखे हुए हैं। भोजशाला के मुख्य मंडप के पास कमाल मौला की दरगाह है। मुस्लिम समाज पूरे भोजशाला क्षेत्र को अपना हिस्सा बताता है, वहीं हिंदू समाज अपना। पूर्व के वर्षों में इसे लेकर कई बार विवाद हुए हैं।

#WATCH | Delhi: On the Bhojshala case in Madhya Pradesh’s Dhar, Advocate Vishnu Shankar Jain says, “The Supreme Court has refused to stop the ASI survey at the Bhojshala. The court has given a notice to the Hindu side. We will file our counter affidavit in 4 weeks… The ASI will… pic.twitter.com/XO0IuY5suE

— ANI (@ANI) April 1, 2024

यह है व्यवस्था

साल 2003 में शासन स्तर पर बनाई गई व्यवस्था के अनुसार भोजशाला में हिंदू समाज के लोगों को प्रति मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा की अनुमति है, जबकि मुस्लिम समाज के लोग शुक्रवार को दोपहर एक से तीन बजे तक नमाज अदा कर सकते हैं।

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    प्रिंट मीडिया में कार्य का 33 वर्ष का अनुभव। डिजिटल मीडिया में पिछले 9 वर्ष से कार्यरत। पूर्व में नवभारत इंदौर और दैनिक जागरण इंदौर में खेल संपादक और नईदुनिया इंदौर में संपादकीय विभाग में अहम जिम्‍मेदारियों का