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Ujjain News: मप्र में उत्तम वर्षा के लिए महारुद्राभिषेक, मुख्यमंत्री शिवराज ने की महाकाल की विशेष पूजा

Ujjain News: मप्र में उत्तम वर्षा के लिए महारुद्राभिषेक, मुख्यमंत्री शिवराज ने की महाकाल की विशेष पूजा

Ujjain News: महाकाल ज्योतिर्लिंग में अनुष्ठान में 66 ब्राह्मण 4 घंटे में करेंगे 102 आवर्तन।

Publish Date:

Mon, 04 Sep 2023 07: 17 AM (IST)

Updated Date:

Mon, 04 Sep 2023 08: 59 AM (IST)

Ujjain News: उत्तम वर्षा के लिए महारुद्राभिषेक,  मुख्यमंत्री शिवराज ने की महाकाल की पूजा

HighLights

  1. अवर्षा की स्थिति में सृष्टि की अनुकूलता व वर्षा का चक्र पुन: प्रारंभ करने की प्रार्थना के लिए भगवान महाकाल का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ है।
  2. मध्‍य प्रदेश में खंड वृष्टि के चलते भादौ मास में पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जा रहा है।
  3. 66 ब्राह्मण नंदी हॉल में बैठकर महारुद्राभिषेक के 102 आवर्तन करेंगे। अनुष्ठान अभिषेकात्मक किया जाएगा।

Ujjain News: उज्जैन। मध्‍य प्रदेश में पुन: वर्षा का क्रम शुरू हो इसके लिए ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भादौ मास के पहले सोमवार को महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान महाकाल की महापूजा कर भगवान से उत्तम वृष्टि की प्रार्थना कर अनुष्ठान का शुभारंभ करेंगे। मंदिर में महाअनुष्ठान को लेकर तैयारी पूरी हो गई है। सीएम उज्‍जैन पहुंच गए हैं।

पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान

मध्‍य प्रदेश में खंड वृष्टि के चलते भादौ मास में पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जा रहा है। सोमवार सुबह पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में मुख्यमंत्री भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर अनुष्ठान का शुभारंभ करेंगे।

इसके बाद सतत जलधारा प्रवाहित की जाएगी। 66 ब्राह्मण नंदी हॉल में बैठकर महारुद्राभिषेक के 102 आवर्तन करेंगे। अनुष्ठान अभिषेकात्मक किया जाएगा। दोपहर 12.30 बजे अनुष्ठान की पूर्णाहुति की जाएगी।

ऐसे भी हो सकता है अनुष्ठान

जानकारों के अनुसार अवर्षा की स्थिति में सृष्टि की अनुकूलता व वर्षा का चक्र पुन: प्रारंभ करने की प्रार्थना के लिए भगवान महाकाल का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ है। निश्चित ही इससे देव कृपा होगी ओर सूखे की स्थिति समाप्त होगी।

सामान्‍य से कम बारिश

इस बार सामान्य से तेरह फीसद बारिश कम हुई है। इसलिए देवाधिदेव महादेव महाकाल को मनाना नितांत आवश्यक है। पहली बार भादौ मास में यह अनुष्ठान हो रहा है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार वर्षा ऋतु में एक दिन शेष रहने पर भी इस प्रकार का अनुष्ठान किया जा सकता है। इस बार तो अभी वर्षा ऋतु के अट्ठाविस दिन शेष है। निश्चित ही महाकाल महाराज अपनी प्रजा की प्रार्थना सुनकर कल्याण करेंगे।